बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी पुलिस कमिश्नर के जनसंपर्क अधिकारी (PRO) दीपक रानावत पर एक महिला ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे 16 लाख रुपये की ठगी की गई है। महिला का दावा है कि उसने अपने बेटे की नौकरी के लिए दो किस्तों में 8-8 लाख रुपये दीपक रानावत को दिए थे। यह घटना 2024 की बताई जा रही है और महिला उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की रहने वाली है।
इस गंभीर आरोप के सामने आने के बाद वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ADCP टी. सरवणन को मामले की जांच सौंपी है। साथ ही जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, दीपक रानावत को PRO के पद से हटा दिया गया है। मामले ने वाराणसी के पुलिस विभाग में हलचल मचा दी है, क्योंकि यह शहर हाईटेक पुलिसिंग और सख्त प्रशासनिक व्यवस्था के लिए जाना जाता है।
यह पहली बार नहीं है जब वाराणसी में किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के जनसंपर्क अधिकारी पर इस तरह के गंभीर आरोप लगे हैं। पहले भी इसी तरह के मामलों में पुलिस विभाग की छवि को नुकसान पहुंचा है। दीपक रानावत के खिलाफ लगे ताजा आरोपों ने विभाग की साख पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं और पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली की पारदर्शिता को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
इस बीच उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं। वहां दो सब-इंस्पेक्टर का रिश्वत लेते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को सस्पेंड कर दिया। साथ ही विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। ऐसे लगातार सामने आ रहे मामलों ने यूपी पुलिस की कार्यशैली और जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं।